अपने हिस्से का सुख प्राप्त करने के लिए अपने हिस्से का कष्ट भी खुद ही भोगना पड़ता है, कोई दूसरा तुम्हारे हिस्से के कष्ट सहन कर तुम्हारे हिस्से में सुख नही लिखा सकता, और न ही भगवान ऐसा कुछ कर सकते हैं।
relationship, rights and responsibilities
जहाँ रिश्ते होते हैं वहाँ हक़ और फर्ज़ साथ-साथ चलते हैं, वरना सिर्फ हक़, अधिकार तो कोर्ट कचहरी के मुद्दे हैं, वहाँ रिश्तों का कोई काम नही।
New Year Resolution
new year resolution is I give your best to the work whatever comes out, and complete it with perfection, then there is no need for any resolution which Is likely to break.
Having impactful minority is much better than having trivial majority.
Importance of Teachers : THOUGHT BY HEART
It doesn’t make any difference that how much technology is advanced being used, but you are learning from a teacher with it, you always need a good teacher, and teacher can’t be replaced with any device.
जिंदगी का सार, मन की बात : THOUGHT BY HEART
ज़िन्दगी की असलियत वेंटिलेटर पर पड़े उस व्यक्ति से पूछो जिसे सिर्फ अपने चारों ओर हरे-नीले बल्ब जलते बुझते, ECG मशीन की स्क्रीन पर एनालॉग सिग्नल्स दिखाई देते हैं, और सिर्फ मशीनों की beep सुनाई देती है, जिसे नही पता कि आने वाले मिनट में उसका क्या होना है।
आकर्षण vs प्रतिकर्षण, मन का विचार : THOUGHT BY HEART
हमेशा द्रव्यमान(mass) बने रहना ठीक नही, कभी कभी साथ मे आवेश(charge) भी include कर लेना ठीक रहता है। समय समय पर कुछ बुरी वस्तुओं के साथ प्रतिकर्षण (repulsive) बल apply करने की जरूरत होती है, हमेशा हर किसी चीज से आकर्षण(attraction) नुकसानदायक होता है। वैसे भी electrostatic interaction, Gravitational interaction से ज्यादा powerful होता है।
व्यक्तित्व, मन का विचार : THOUGHT BY HEART
अपना व्यक्तित्व कुछ इस तरह से बनाएं कि कोई रास्ते में ही सही घण्टे दो घण्टे के लिए मिले तब भी उसे हमेशा आपकी याद रहे और आपके दुनिया से जाने की खबर पर उसकी आंखें भी नम हो जाएं।
तराजू : THOUGHT BY HEART
सब कसे जाएंगे
तराजू की कसौटी पर
न्याय-अन्याय
धर्म-अधर्म
कर्म-कुकर्म
विकास-विनाश
शासन-कुशासन
सच-झूठ
अपने-बेगाने
पर उन्हें परखेगा कौन
जिनके हाथ में है तराजू
जो झुका देते हैं
कोई भी पलड़ा
अपना ईमान बेचकर।
नदियों का संघर्ष : Thought by Heart
नदियों के मार्ग में जो भी बाधाएँ आती हैं वो या तो उन्हें तोड़-मरोड़कर, कुचलकर, ध्वस्त कर उसी रास्ते पर आगे बढ़ जाती हैं या ऐसा न कर पाएं तो इस तरह के रास्ते की escape velocity cross कर उस मार्ग की पहुंच से दूर दूसरे रास्ते पर चल निकलती हैं, ये फालतू (पथरीले, अपने घमण्ड में डूबे अपनी ही सत्ता को किसी भी कीमत पर कायम रखने की चाह वाले, कँटीले, ऊंचे-नीचे )टाइप के रास्ते इन नदियों से उलझते ही क्यों हैं।
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और होता क्या है जब इन नदियों का पानी इतने struggle के चलते और बाकी सभी के द्वारा फेंकी हुई गन्दगी के कारण दूषित हो जाता है हम ही उस समय उन्हें बचाने नही जाते न ही उनकी रुकावटों को दूर करने की कोशिश करते, न ही उनमें गन्दगी फेंकने वालो को रोकते हैं बस कहने के लिए खड़े हो जाते हैं कि अब नदियों का पानी काला हो गया, प्रदूषित हो गई, अब नदियों में निर्मलता नही बची,जहरीली हो गई, ये सब, उस समय होश नही था जब वह अपने origine से पूरी तरह से पवित्र साफ निर्मलता लिए हुए हमारे पास तक आने के लिए निकली थी कि इसे ऐसा ही पवित्र बना रहने दें, नही, अब जब उसने सबकी दी हुई गन्दगी अपने मे समेट ली और मलिन हो गई सारे संघर्ष की वजह से, रास्ते बदलने पड़े तो शुरू हो गए हजारों कमियाँ निकालने के लिए।
नदियाँ कभी आत्महत्या नही करतीं जब संघर्ष के चलते इनकी जीवन ऊर्जा स्रोत पानी खत्म हो जाता है तो इसे आत्महत्या नही हत्या कहते हैं, अब हत्यारा कौन? सब समझदार हैं।