सब कसे जाएंगे
तराजू की कसौटी पर
न्याय-अन्याय
धर्म-अधर्म
कर्म-कुकर्म
विकास-विनाश
शासन-कुशासन
सच-झूठ
अपने-बेगाने
पर उन्हें परखेगा कौन
जिनके हाथ में है तराजू
जो झुका देते हैं
कोई भी पलड़ा
अपना ईमान बेचकर।
सब कसे जाएंगे
तराजू की कसौटी पर
न्याय-अन्याय
धर्म-अधर्म
कर्म-कुकर्म
विकास-विनाश
शासन-कुशासन
सच-झूठ
अपने-बेगाने
पर उन्हें परखेगा कौन
जिनके हाथ में है तराजू
जो झुका देते हैं
कोई भी पलड़ा
अपना ईमान बेचकर।