भावनाओं का अंतिम संस्कार कर,
इंसान से बुत बन गए।
मन्दिर में बैठे देवताओं की तरह,
अब क्या हम भी पूजे जायेंगे।।
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भावनाओं का अंतिम संस्कार कर,
इंसान से बुत बन गए।
मन्दिर में बैठे देवताओं की तरह,
अब क्या हम भी पूजे जायेंगे।।