ये आँखों की कोर में छुपे हुए उदास मृग रूपी स्वप्न, इच्छाएँ, आशाएँ, ये पलकों पर खड़े ऊपर नीचे अनगिनत काले पेड़ (eyelash), और हमारी आँखों में समाया ये अनेकों नदियों का पानी इन सबके बीच एक गहरा नाता है………..ये पेड़ नदियों के बहाव से ही तो संतृप्त होते हैं और सूखकर सफ़ेद नही हो पाते, और नदियों का बहाव ये छुपे हुए मृग ही तो लेकर आते हैं……….जिस दिन ये पेड़ सफेद दिखने लगें तब समझना कि सभी मृगों ने अपना डेरा यहाँ से हटा लिया और आँखे सूखकर रेगिस्तान हो गईं।For Solution of Mathematics class wise subscribe the channel. Link : https://www.youtube.com/channel/UC1h2Nbi-qRqgiUGyMiNiByA